गैल्वे कृषि उत्पाद
विषय सूची
भारतीय कृषि
भारत के पास एक विशाल के से आधार है 1/3 जनता सीधे तौर पर अथवा परोक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है
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भारतीय कृषि
●भारत में खाद्य के मसाले में आत्म निर्भरता प्राप्त कर ली है
● भारत और कुछ देशों को चावल और गेहूं का निर्यात करने लगा है
● दुनिया के निर्यात बाजार में भारत का कुल हिस्सा 6% और आठवां स्थान है
भारतीय कृषि के लिए संभावित
●भारत विश्व में सब्जियों को उगाने के क्षेत्र में दूसरा और फल उगाने के क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है
● किसान साल भर किसी भी प्रकार की फल सब्जी अथवा फूल उगा सकते हैं
● विभिन्न देशों के लिए अनाज का निर्यात कि व्यापक संभावनाएं हैं
भारतीय कृषि के लिए चुनौतियां
● प्राकृतिक संसाधनों के सिकुड़ने से कम जमीन से अधिक खाद्य उत्पात का बोझ
● विश्व स्तरीय फल एवं सब्जियां उगाने के लिए संभावनाओं की बहुत गुंजाइश है
●उत्पाद में बहुत अधिक निवेश
●उर्वरकों की अधिक खपत
●फसल में रोगों के उच्च स्तर
●मिट्टी की कम नमी स्तर
●मृदा स्वास्थ्य की कम गुणवत्ता
●कम उपज
भारत में कीटनाशक उद्योग
●तकनीकी ग्रेड का कुल खपत 138000 मैट्रिक 10 से अधिक है
●इसके अनुसार भारत में प्रति हेक्टेयर कीटनाशकों का उपयोग दुनिया में सतवा स्थान है
●जापान- 12,000 ग्राम प्रति हेक्टेयर
●यूरोप -3,000 ग्राम प्रति हेक्टेयर
● यूएसए – 2,500 ग्राम प्रति हेक्टेयर
●भारत – 480 ग्राम प्रति हेक्टेयर
भारत में कीटनाशक उद्योग
भारत में मूल्य अनुसार खपत अन्य 5 %
फंगीसाईड 18 %
वैडीसाईड 16 %
इन्सेक्टिस 61 %
भारत में कीटनाशक उद्योग
भारत में फसल अनुसार कीटनाशकों का उपयोग
चाय 5%
रूई 52%
चावल 14%
सब्जियां 7%
गेहूं 5%
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भारत में कीटनाशक उद्योग
भारत के राज्य अनुसार कीटनाशकों का उपयोग
जम्मू और कश्मीर 2%
आंध्र प्रदेश 18%
उत्तर प्रदेश 14 %
कर्नाटक 5%
पश्चिम बंगाल 7%
गुजरात 7%
हरियाणा 7%
महाराष्ट्र 8 %
पंजाब 9%
कीटनाशियों से होने वाले रोग
अल्जाइमर
दमा
जन्म दोष
कैंसर
और बहुत से दूसरे रोग
भविष्य•••
जैव कीटनाशक और जैव उर्वरक
परिभाषा
जैविक नियंत्रक (Bio control )
जैविक नियंत्रक समन्वित पादप सुरक्षा का प्रमुख घटक है, इस पद्धति के द्वारा ऐसे जीवाणु बढ़ाए जाते हैं जो रोग उत्पन्न ने करने वाले जीवाणु को नियंत्रित करते हैं य सूक्ष्म जीव प्रतिजैविक प्रयोग परजीवी या परभक्षी के रूप में कार्य करते हैं जिसने रोगजनक पनप नहीं पाता
सामान्य बीमारियां
कवक रोग
जीवाणु रोग
अपनी फसल एवं जमीन कितने स्वच्छ हैं
क्या आप मिट्टी से पैदा होने वाले रोग कारकों का सामना करते हैं
क्या आप बीज जनित बीमारियों का सामना करते हैं
क्या आप जड़ से संबंधित बीमारियों का सामना करते हैं
क्या आप तने में होने वाली बीमारियों का सामना करते हैं
क्या आप पत्ते और फूलों में होने वाली बीमारियों का सामना करते हैं
वे किस प्रकार कार्य करते हैं
जैव परजीवीता ( माईकोरासिटिजम )
प्रतिजैविकता ( ऐंटीबायोसिस )
प्रतिस्पर्धा ( कोंम्पीटिश)
अविषाक्तता ( डीटौक्सीफिकेशन )
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सुअवसर
पर्यावरण के अनुकूल
कम लागत
फसल के लिए उपयुक्त
लंबा और स्थाई परिणाम
मृदा स्वास्थ्य के लिए अच्छा
मनुष्यों के लिए सुरक्षित
दीर्घकालिक प्रभावी
उपज में सुधार
पादप स्वास्थ्य
गैल्वे कृषम G डर्मा +
गैल्वे कृषम G डर्मा +
प्रबल जैव परजीवीता ( माईकोरासिटिजम ) कवक विरोध
कई तरह के रोगों की रोकथाम सहायक
मिट्टी की उर्वरता मैं सुधार लगाने में मदद करता है
मिट्टी के PH को बनाए रखने में सहायता करता है
कैसे इस्तेमाल करें
● जी – डर्मा +
● बीज पौधों का उपचार 10 मिली जी G डर्मा + 1 लीटर पानी 30 मिनट तक भिगो कर छाया में सुखा कर लगाएं बायोफटिजर व बायो फंगिसाइडस के साथ बीज उपचार किया जा सकता है galway krisham pdf
● सेट उपचार 125 से 250 मिली जी डर्मा प्लस 60 से 80 लीटर पानी में मिलाएं सेट को 30 मिनट तक भिगाए और लगाएं
● मिट्टी उपचार 100 मिली G डर्मा + 10 कि, ग्रा, गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मैं मिलाएं और पौधों को जड़ों में डालें
●स्प्रै 100 मिली G डर्मा + 50 मिली पानी में मिलाया या दो मिली प्रति लीटर की देर सेफंगिसाइडस के साथ मिलाकर उपचार किया जा सकता है
● पेड़ों के लिए उपचार 10-12 मिली G डर्मा + 1 लेटर पानी में मिलाएं और स्पे करें
● यह वातावरण वर्ण अनुकूलित है इसका मनुष्य पक्षियों जानवरों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं है
गैल्वे कृषम
G स्यूडो +
एक्टीम केयर
G स्यूडो +
● प्रारंभिक चरण पर कीटों का व्यापक श्रेणी अक्सर करता है
● बैक्टीरिया और फंगस की वजह से होने वाले मिट्टियां कई लोगों को नियंत्रित करने में मदद करता है
● मिट्टी की उर्वरता मैं सुधार लाने में मदद करता है
● मिट्टी pH बनाए रखने में मदद करता है
कैसे इस्तेमाल करें
G स्यूडो +
● बीज पौधों का उपचार 4 – 5 मि.ली. G स्यूडो + 1 किलोग्राम बीज पौधे पर 1 लीटर पानी में 30 मिनट तक भिगोने का छाया मैं सुखाकर लगाएं बायोटिलाइजर व बायो फंगिसाइड्रस के साथ बीज उपचार किया जा सकता है
● मिट्टी उपचार 250 मि, लि, G स्यूडो + 25 लीटर पानी प्रति 100 किलो, ग्राम
गोबर की खाद व वर्मी कम्पोश मैं मिलाएं और पौधों को जड़ों में डालें
● स्प्रै 200 मिलीलीटर G स्यूडो + 100 मिली पानी में मिलाएं या 2 मिलीलीटर प्रति लीटर की दर से मिलाएं व स्प्रै करें दोबारा 10 दिनों के बाद फिर स्प्रे करें बायोटिलाइजर
वा बायो फंगिसाइडस के साथ मिलाकर उपचार किया जा सकता है
● यह वातावरण अनुकूलित है इसका मनुष्य पक्षियों जानवरों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं है
गैल्वे कृषम
G- NPK
जैव उर्वरक
G- NPK
● जैव उर्वरक के तौर पर बेहतरीन विकल्प
● नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश प्रदान करता है
● रासायनिक उर्वरक को कम करने में मदद करते हैं
● मिट्टी की उर्वरता मैं सुधार करता है
● फसल को स्वास्थ्य करने में मदद करता है और बेहद उपज को बढ़ावा देता है
कैसे इस्तेमाल करें
● जी- एन-पी-के
● बीज पौधों का उपचार 4-5 मिलीलीटर G-NPK ¹ किलोग्राम बीज / पौध
प्रति 1 लीटर पानी में 30 मीटर भिगोकर का छाया में सुखाकर लगाएं
बायोटिलाइजर व बायो फंगिसाइड्रस के साथ बीज उपचार किया जा सकता है
● मिट्टी उपचार 250 किलोग्राम G-NPK ²⁵ लीटर पानी प्रीति 100 किलोग्राम गोबर की खाद या वर्मी कम्पोश मैं मिलाएं और पौधों को जड़ों में डालें
● स्प्रै 200 मिलीलीटर G- NPK ¹⁰⁰ लीटर पानी मैं मिलाया 2 किलोग्राम गोबरबायोटिलाइजर व बायो फंगिसाइड्रस के साथ मिलाकर उपचार किया जा सकता है
● यह वातावरण अनुकूलित है इसका मनुष्य पक्षियों जानवरों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं है
गैल्वे कृषम
G – सी पावर
ऐक्सट्रीम
G- सी पावर
● सागर से प्राप्त शक्तिशाली एवं पूर्व पोषक तत्व (उर्वरक )
● पोषक तत्वों और वृद्धि हार्मोन से युक्त
● पौधों का आवश्यकता पोषक तत्व और हार्मोन प्रदान करता है
● प्रतिरक्षा और प्रतिरोध में सुधार करता है
● मिट्टी में धारण क्षमता बढ़ाता है
● फसल में स्वास्थ्य बनाने में मदद करता है और बेहतर उपज को बढ़ावा देता है
कैसे इस्तेमाल करें
● मृदा उपचार ( छिड़काव )
10 किलोग्राम जी __ सी पावर को एक एकड़ भूमि से सिंचाई से पहले छिड़काव करें