Glaze 6 मूल मंत्र
1= सभी तरह के ट्रेनिंग को अच्छे से ग्रहण करें और समझे
2= अपने प्रोडक्ट खरीदने की दुकान बदल दें आज से से गैलवे के प्रोडक्ट इस्तेमाल करें उनकी क्वालिटी का अनुभव करें
3= गैलवे प्रोडक्ट को अपने दोस्तों रिश्तेदारों और जानने वालों को इस्तेमाल करवाएं उसको भी आपकी दुकान दुकान में बदलने के लिए प्रेरित करें
4= गैलवे का बिजनेस अपने रिश्तेदारों दोस्तों और जाननें वाले को दो अपनी टीम बनाकर अपना प्रजेंट बढ़ाएं
5= जिन्हें आप ग्लेज बिजनेस में लाए उन्हें कामयाब बनाने में मदद करें जैसे आपके अपलाइन आपके साथ कर रहे हैं
6= कंपनी द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं आचार संहिता का प्लान करें बिजनेस पूरी इमानदारी और दिल से करें आप अलग इन ग्लेज 5 मूल मंत्र का दृष्ट से प्लान करें और बिजनेस को सिस्टम के अनुसार चलाएंगे तो आपका बिजनेस और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेंगे है
Glaze New Business Plan Part 1 |
Glaze New Business Plan Part 2 |
Glaze New Business Plan Part 3 |
Glaze का सेल्स एंव मार्केटिंग प्लान इन्हीं से ग्लेज 5 मूल मंत्र पर आधारित है आप इन प्लान को ध्यान से पढ़ें और समझें अगर कुछ समझ में नहीं आ रहा है तो उसे समझने में अपने अपलाइन से मदद लें इसके बाद सोचा कि आप कितना हुआ
अपने बिजनेस को दे सकते हैं अपने अपलाइन के साथ बैठे आप बिजनेस में जितना समय देख सकते हैं उसके अनुसार अपने प्रमोशन का लक्ष्य तय करें आप उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आप लाइन की मदद से एक कार योजना ( Action Plan) बनाए और पूरी प्रति प्रतिबंध के साथ कार्य योजना के अनुसार बिजनेस करें
1= स्पांसर (Sponsor) : गैलवे के जिस मौजूदा डिस्ट्रीब्यूटर ने आपको गैलवे बिजनेस के बारे में जानकारी दी है और जिनका नाम आपने रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर परिचय कर्ता के रूप में दर्ज किया है वह आपका स्पांसर कहलाता है
उदाहरण ■ दिए गए चित्र 1 में मि.A चार डिस्ट्रीब्यूटर मि.B, मि.C, मि.D और मि.E के स्पांसर ( डायरेक्ट अपलाइन ) है ।

2= आपलाइन : जिन्होंने इस बिजनेस में आपको स्पांसर कर गैलवे बिजनेस में डिस्ट्रीब्यूटर बनवाया है वे और उनके ऊपर के डिस्ट्रीब्यूटर्स आपके अपलाइन कहते हैं
उदाहरण: दिए गए चित्र – 1 में मि.A सभी डिस्ट्रीब्यूटर की अपलाइन है
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■ मि.B मि. F और मि.G की अपलाइन है
■ मि.C मि. H और मि.I की अपलाइन है
■ मि. A डिस्ट्रीब्यूटर मि. B , मि.C, मि.D और मि.E की डायरेक्ट अपलाई ( स्पांसर) हैं
3= डाउन लाइन : कंपनी की वह सारे अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर्स जिनको आप ( स्पांसर ) करते हैं वे एवं उनके आगे के सारे स्पांस डिस्ट्रीब्यूटर्स आपके डाउनलाइन कहलाती आती है
उदाहरण: यहां दिए गए चित्र -1 में B, F और G मि. A की डाउनलाइन है H और I मि.C किड डाउनलाइन है B, C, D, और E,मि,A की डायरेक्ट डाउन लाइन है J, मि. D की डायरेक्ट ऑनलाइन है
4=लेग (LEG ) : किसी डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा डायरेक्ट स्पांसर केके डिस्ट्रीब्यूटर को ऑन डिस्ट्रीब्यूटर की लेग कहा जाता है
उदाहरण: यहां दिए गए चित्र – 1 में मि.A की कुल 4 लेग्स हैं मि.A की डायरेक्ट डाउन लाइन B,C,D,E हैं
B के नीचे का सारा नेटवर्क ( F,G ) मि.A की फर्स्ट लेग मानी जाएगी । इसी प्रकार मि. C का सारा नेटवर्क (H,I ) मि.A की दूसरी मि.D का सारा नेटवर्क मि.A की तीसरी और मि. E का सारा नेटवर्क मि. A की चौथी लेग मानी जाएगी।
5= पैरलेल लेग (Parallel leg ) : आपकी अपलाइन और डाउनलाइन डिस्ट्रीब्यूटर को छोड़कर बाकी जितने भी डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी में है glaway वे सब आपकी पैरलेल लेग कहीं जाती है दिए गए चित्र -1 में मि.B, मि. C, मि .D मि. E एक-दूसरे की पैरलेल लेग में हैं
6= डायरेक्ट सेलर या डिस्ट्रीब्यूटर ( Direct Seller or Distributor): वह व्यक्ति जिसने कंपनी के साथ अनुबंध किया है और कंपनी से डिस्ट्रीब्यूटर प्राइस पर प्रोडक्ट खरीद कर ग्राहकों को रिटेल प्राइस पर बेचता है हुसै डायरेक्ट सेल या डिस्ट्रीब्यूटर कहां जाता है
यह व्यक्ति ना तो कंपनी का एजेंट होता है और न ही कर्मचारी होता है ग्लेज बिजनेस प्लान वह सिर्फ एक डायरेक्ट सेलर होता है जिसे हम कंसल्टेंट ʼ भी कहते हैं। कंपनी की अनुबंध की शतौं के अनुसार डायरेक्ट सेलर बनने के लिए एक ग्लेज स्पांसर की जरूरत होती हैं।
7= डिस्ट्रीब्यूटर प्राइस ( Distributor price/DP ) : यह किसी प्राइवेट की वह कीमत है जिस पर कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनी से प्रोडक्ट खरीदते हैं यह M.R.P से कम होती है उदाहरण के लिए एक प्रोडक्ट P1 का M.R.P 200 रुपए हैं
और उसका DP 160 रुपए हैं तो कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर को P 1 प्रोडक्ट (200-160=40 ) 40 रुपए डिस्काउंट पर मिलेगा यह 40 रुपए उसका रिटेल मुनाफा या बचत हैं
8= अधिकतम खुदरा मूल्य ( Maximum Retail/ Price MRP) : यह वह मूल्य है जो कंपनी के सभी प्रोडक्ट पर अंकित होता है कंपनी का कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर अपने कस्टमर को इस कीमत से ज्यादा कीमत पर प्रोडक्ट नहीं बेच सकता
9= इंसेंटिव प्वाइंट या आई पी ( Incentive point I.P ): glaze कंपनी के हर प्रोडक्ट पर कुछ इंसेंटिव प्वाइंट ( Incentive point ) निर्धारित होते हैं जब कोई डिस्ट्रीब्यूटर प्रोडक्ट खरीदना है तो वह उस प्रोडक्ट से निर्धारित I.P अर्जित करता है रिटेल मुनाफे को छोड़कर सभी प्रकार के इंसेंटिव की गणना डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा कमाए गए I.P टर्नओवर पर आधारित है
उदाहरण : मि.X ने एक P1 प्रोडक्ट खरीदना है जिस पर MRP 200 रुपए, DP 160 रुपए और I.P.1 अंकित है उसका मतलब या हुआ कि मि.X ने कंपनी के साथ कुल 1 I.P का टर्नओवर किया
11 I.P वैल्यू ( I.P Value): एक इंसेंटिव प्वाइंट की वैल्यू 100 रुपए हैं यानि के उपरोक्त उदाहरण के अनुसार मि.X ने 1IP. यानि 1×100=100 I.P वैल्यू का बिजनेस टर्नओवर किया है
12 पर्सनल वॉल्यूम ( Personal Volume/PV ): डिस्ट्रीब्यूटर बनने के बाद आप हर महीने आपकी खुद की आई पर जितने I.P के प्रोडक्ट खरीदते हैं वह अपना और महीने का पहला वॉल्यूम कहलाता है
उदाहरण : मि. राज नें जनवरी में 3200 रुपए D.P के प्रोडक्ट खरीदते उनके द्वारा खरीदे गए प्रोडक्ट पर निर्धारित इंसेंटिव पॉइंट को जोड़ने पर 15 IP. होता है
इसी I.P वैल्यू 15i.P.×100=1500 रुपए होते है इस तरह mr.raj की जनवरी महीने का पर्सनल वॉल्यूम I.P में 15 एंव रुपयों में 1500 हैं
13 ग्रुप वॉल्यूम : किसी भी डिस्ट्रीब्यूटर के सभी डाउन लाइन डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा एक कैलेंडर माह में जितने स्टॉक पर परचेज किया जाता है उनका टोटल उस डिस्ट्रीब्यूटर का ग्रुप वॉल्यूम कहलाता है
उदाहरण : दिए गए चित्र -2 में मि.A का पर्सनल वॉल्यूम 10 1.P. ×100=1000 रुपए हैं किंतु जब मि.A के खुद के वॉल्यूम के साथ उनके बाकी ग्रुप में सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा किए गए आईपी टर्नओवर को जोड़ दिया जाएगा तो वह उनका ग्रुप वॉल्यूम हो जाएगा जैसे म
मि.A का ग्रुप वॉल्यूम =(10+5+10+20+30 I.P.) हैं इनकी आईपी वॉल्यूम रुपयों में 75 ×100=7500 रुपए हुई

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